Ganesh Chaturthi Special Bhog : गणेश चतुर्थी का पर्व उत्सव, आस्था और आनंद का प्रतीक है, जिसे भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। गणपति बप्पा को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं, जिनमें मिठाइयाँ, व्यंजन और अन्य प्रसाद शामिल होते हैं। भगवान गणेश को मोदक, लड्डू और अन्य स्वादिष्ट पकवान विशेष रूप से प्रिय होते हैं। इस लेख में हम भगवान गणेश को अर्पित किए जाने वाले प्रमुख भोग और उनके धार्मिक महत्त्व पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
मोदक गणपति का प्रिय प्रसाद
मोदक भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग माना जाता है और इसे विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के अवसर पर तैयार किया जाता है। मोदक एक प्रकार की मिठाई है, जो चावल के आटे से बनाई जाती है और इसके अंदर नारियल और गुड़ की स्वादिष्ट भरावन होती है। इसे स्टीम या फ्राई किया जाता है। महाराष्ट्र में स्टीम्ड मोदक को "उकडीचे मोदक" कहा जाता है और इसे घर-घर में खास तौर पर भगवान गणेश की पूजा के दौरान बनाया जाता है।
मोदक बनाने की विधि
सबसे पहले चावल के आटे को गर्म पानी के साथ मिलाकर आटा गूंथ लें।
नारियल और गुड़ को मिलाकर उसे धीमी आंच पर पकाएं और उसमें इलायची पाउडर मिलाएं।
अब आटे की छोटी-छोटी लोइयाँ बनाकर उसके अंदर नारियल-गुड़ की भरावन भरें और मोदक का आकार दें।
तैयार मोदक को स्टीम में पकाएं या घी में फ्राई करें।
मोदक का धार्मिक महत्त्व यह है कि यह मिठाई भगवान गणेश को अत्यधिक प्रिय है और इसे अर्पित करने से भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। मोदक गणेश चतुर्थी की पूजा का मुख्य प्रसाद होता है।
लड्डू शुभता और समृद्धि का प्रतीक
लड्डू भी भगवान गणेश को अर्पित किए जाने वाले प्रमुख भोगों में से एक है। विशेष रूप से बेसन के लड्डू और नारियल के लड्डू इस अवसर पर तैयार किए जाते हैं। लड्डू को समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है। गणेश जी की पूजा में लड्डू का भोग अर्पित करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता आती है।
बेसन के लड्डू बनाने की विधि
बेसन को घी में धीमी आंच पर भूनें जब तक कि वह सुनहरा न हो जाए।
इसमें पिसी हुई शक्कर और इलायची पाउडर मिलाएं।
मिश्रण को ठंडा करके छोटे-छोटे लड्डू बना लें।
गणेश चतुर्थी के दौरान लड्डू का प्रसाद भक्तों के बीच वितरित किया जाता है, जो इस पर्व को और भी विशेष बनाता है।
पातली विशेष दक्षिण भारतीय भोग
दक्षिण भारत में गणेश चतुर्थी के अवसर पर पातली नामक एक खास मिठाई बनाई जाती है। यह नारियल और गुड़ से बनी एक प्रकार की मिठाई है, जिसे चावल के आटे की पतली परत में लपेटकर तैयार किया जाता है। इसे स्टीम किया जाता है और गणपति बप्पा को अर्पित किया जाता है। पातली को भगवान गणेश के विशेष भोग के रूप में जाना जाता है और इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
पातली बनाने की विधि
नारियल और गुड़ को धीमी आंच पर मिलाकर पकाएं जब तक कि मिश्रण गाढ़ा न हो जाए।
चावल के आटे को पानी के साथ मिलाकर पतली परत तैयार करें और उसके अंदर नारियल-गुड़ का मिश्रण भरकर उसे स्टीम में पकाएं।
यह विशेष मिठाई दक्षिण भारतीय गणेश चतुर्थी उत्सव का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे भगवान गणेश को अर्पित करने का विशेष महत्त्व है।
पूरन पोली महाराष्ट्र का पारंपरिक भोग
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूरन पोली भी प्रमुख रूप से तैयार की जाती है। यह एक विशेष प्रकार की रोटी होती है, जिसमें चने की दाल और गुड़ का मीठा मिश्रण भरा जाता है। पूरन पोली को महाराष्ट्र के पारंपरिक व्यंजनों में गिना जाता है और इसे गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है।
पूरन पोली बनाने की विधि
चने की दाल को उबालकर उसमें गुड़ मिलाकर पेस्ट तैयार करें।
गेंहू के आटे की लोइयाँ बनाकर उसके अंदर इस मिश्रण को भरें और रोटी की तरह बेल लें।
इसे तवे पर घी के साथ सेंक लें।
पूरन पोली का स्वाद अनोखा होता है और इसे गणेश चतुर्थी के अवसर पर विशेष रूप से भगवान गणेश के लिए तैयार किया जाता है।
शिरा (सूजी का हलवा)
शिरा, जिसे सूजी का हलवा भी कहा जाता है, गणेश चतुर्थी के अवसर पर तैयार किया जाने वाला एक और प्रमुख भोग है। इसे सूजी, घी, शक्कर और दूध के साथ बनाया जाता है। यह मिठाई भगवान गणेश को अत्यधिक प्रिय मानी जाती है और इसे पूजा के दौरान अर्पित किया जाता है।
शिरा बनाने की विधि
सूजी को घी में हल्का भून लें।
इसमें दूध और शक्कर मिलाकर पकाएं जब तक कि यह गाढ़ा न हो जाए।
इसमें इलायची पाउडर डालकर उसे हलवे की तरह तैयार करें।
शिरा को भगवान गणेश के भोग के रूप में अर्पित करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण बना रहता है।
खीर मिठास और पवित्रता का प्रतीक
गणेश चतुर्थी के अवसर पर खीर भी भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है। खीर को पवित्रता और मिठास का प्रतीक माना जाता है। इसे चावल, दूध और शक्कर के साथ तैयार किया जाता है और पूजा के बाद प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
खीर बनाने की विधि
चावल को दूध में धीमी आंच पर पकाएं।
इसमें शक्कर और केसर डालकर इसे और स्वादिष्ट बनाएं।
ऊपर से सूखे मेवे डालें और इसे भगवान गणेश को अर्पित करें।
खीर एक सरल लेकिन स्वादिष्ट मिठाई है, जो गणेश चतुर्थी के भोग में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
साबूदाना खिचड़ी उपवास का प्रमुख भोग
गणेश चतुर्थी के दौरान कई भक्त उपवास रखते हैं और इस समय साबूदाना खिचड़ी एक लोकप्रिय भोग के रूप में तैयार की जाती है। इसे साबूदाना, मूंगफली, आलू और मसालों के साथ बनाया जाता है। यह उपवास के लिए हल्का और पौष्टिक आहार होता है और इसे भगवान गणेश को अर्पित करके प्रसाद के रूप में भी ग्रहण किया जाता है।
साबूदाना खिचड़ी बनाने की विधि
साबूदाना को भिगोकर रखें और मूंगफली को भून लें।
आलू को छोटे टुकड़ों में काटकर भूनें और इसमें साबूदाना मिलाएं।
मूंगफली, हरी मिर्च, और सेंधा नमक डालकर इसे हल्का-सा पकाएं।
साबूदाना खिचड़ी उपवास के दौरान खाने के लिए एक उत्तम व्यंजन है और इसे गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्रमुख रूप से बनाया जाता है।
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Ganesh Chaturthi Special Bhog : गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को अर्पित किए जाने वाले विशेष भोगों के बिना अधूरा है। प्रत्येक भोग का अपना धार्मिक महत्त्व और विशेषता है। ये भोग न केवल भगवान गणेश को प्रसन्न करने का एक माध्यम होते हैं, बल्कि भक्तों के लिए भी एक विशेष अनुभव होते हैं, जो उन्हें भक्ति, आस्था और आनंद से भर देते हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व भारतीय संस्कृति, परंपरा और भक्ति का अद्भुत मिश्रण है, जहाँ भोग और प्रसाद का महत्त्वपूर्ण स्थान है।
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